दादा दादी वैसे ही हैं बच्चों को वो समझाते हैं, कभी डांटना भी पड़ जाए उस से न वो कतरा दादा दादी वैसे ही हैं बच्चों को वो समझाते हैं, कभी डांटना भी पड़ जाए उस ...
मस्त रहते थे अपनी ही मस्ती में ... अपनो संग छोटी सी प्यार से भरी बस्ती मे ... मस्त रहते थे अपनी ही मस्ती में ... अपनो संग छोटी सी प्यार से भरी बस्ती मे ...
है दुआ अब रब से मेरी देना खुशियाँ जीवन भर की। है दुआ अब रब से मेरी देना खुशियाँ जीवन भर की।
न माँ न पापा नहीं है कोई रिश्ते सिर्फ पैसे ही पैसे। न माँ न पापा नहीं है कोई रिश्ते सिर्फ पैसे ही पैसे।
उन्हें हम आगे बढ़ाएंगे पीढ़ी दर पीढ़ी उन्हें अपनाएंगे। उन्हें हम आगे बढ़ाएंगे पीढ़ी दर पीढ़ी उन्हें अपनाएंगे।
देख ये सब अपना बचपन याद आता है दिल उन सुनहरे दिनों की यादों में खो जाता है। देख ये सब अपना बचपन याद आता है दिल उन सुनहरे दिनों की यादों में खो जाता है।